महाकुंभ में ऐतिहासिक स्नान: वायुसेना के जांबाजों ने आसमान में त्रिशूल बनाकर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया

प्रयागराज में उमड़ा आस्था का सैलाब, आज ढाई करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान

प्रयागराज। महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रयागराज महाकुंभ का आखिरी अमृत स्नान आज संपन्न हो रहा है। अब तक 66 करोड़ श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगा चुके हैं, जो कि एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड है। आज अनुमान है कि ढाई करोड़ से अधिक श्रद्धालु पवित्र गंगा में स्नान करेंगे।

वायुसेना का अद्भुत प्रदर्शन, आकाश में बना त्रिशूल

महाकुंभ के इस पावन अवसर को और अधिक भव्य बनाने के लिए भारतीय वायुसेना के जांबाजों ने आसमान में त्रिशूल बनाकर महाशिवरात्रि पर्व का उत्सव मनाया। इस दृश्य ने श्रद्धालुओं को रोमांचित कर दिया और पूरे कुंभ क्षेत्र में हर-हर महादेव के जयघोष गूंज उठे।

प्रयागराज में बढ़ी भीड़, प्रशासन ने कसी कमर

महाकुंभ के अंतिम दिनों में श्रद्धालुओं की भीड़ तेजी से बढ़ गई है। इससे प्रयागराज में प्रवेश मार्गों पर भारी जाम की स्थिति बनी हुई है। प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से कंट्रोल रूम के माध्यम से व्यवस्थाओं पर नजर बनाए हुए हैं।
  • संगम क्षेत्र में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है, जिससे स्नान के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो।
  • प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपने नजदीकी घाटों पर स्नान करने की अपील की है, ताकि संगम क्षेत्र में अत्यधिक भीड़ से अव्यवस्था न हो।

श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक व्यवस्थाएं

महाशिवरात्रि के इस विशेष दिन को कोई भी श्रद्धालु छोड़ना नहीं चाहता। आधी रात से ही श्रद्धालुओं का अखंड प्रवाह संगम तट की ओर बढ़ रहा है। प्रयागराज शहर के स्थानीय नागरिक भी बड़ी संख्या में स्नान में भाग ले रहे हैं।

एसएसपी महाकुंभ, राजेश द्विवेदी ने बताया कि, “हमारी सख्त योजना और व्यापक व्यवस्था के कारण श्रद्धालुओं को कोई परेशानी नहीं हो रही है। सभी लोग शांतिपूर्वक स्नान कर रहे हैं और इस ऐतिहासिक पर्व का हिस्सा बनने से खुश हैं।”

इसके अलावा, श्रद्धालु महाकुंभ क्षेत्र के शिव मंदिरों में दर्शन और पूजा-अर्चना कर रहे हैं, जिससे आध्यात्मिक माहौल और अधिक दिव्य हो गया है।

आस्था और श्रद्धा का अभूतपूर्व संगम

महाकुंभ के इस महापर्व पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। संगम में पुण्य स्नान, वायुसेना का भव्य प्रदर्शन और प्रशासन की बेहतर व्यवस्थाओं ने इस महाशिवरात्रि को ऐतिहासिक बना दिया है।

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